मैं, वो मैं, ना रहा, ना सही,
पर बदला नहीं हूं मैं
जानेमन तू मेरा न सही
पर तुमसा नहीं हूं मैं
तेरी बात मेरी याद हो गई
पर गुजरा नहीं हूं मैं
शीशे में वो शकल न सही
पर धुंधला नहीं हूं मैं
लब पे है बात वो अनसुनी
जो कहता नहीं हूं मैं
A potpourri of my original thoughts, ideas, and literary musings in English, Hindi, and Urdu.
मैं, वो मैं, ना रहा, ना सही,
पर बदला नहीं हूं मैं
जानेमन तू मेरा न सही
पर तुमसा नहीं हूं मैं
तेरी बात मेरी याद हो गई
पर गुजरा नहीं हूं मैं
शीशे में वो शकल न सही
पर धुंधला नहीं हूं मैं
लब पे है बात वो अनसुनी
जो कहता नहीं हूं मैं
दिल की धड़कन का ठहरना और बढ़ना आपसे मेरी उल्फत का उतरना और चढ़ना आप से मन ही मन में जाने कब कब बातें आपसे हुई हो के अनबन रूठ जाना फिर सुलझ...