अपने चेहरे के तासुर को थोड़ा बदल लेने दो।
मैं उनसे मिल के आया हूं थोड़ा संभल लेने दो।
किसको समझाऊंगा गालों पे ये सुर्खी क्या है
अपने चेहरे पे पानी भी थोड़ा मल लेने दो
लोग पहचान लेंगे मेरा हाल सांसों की तेजी से
अपने दिल की बगावत को थोड़ा कुचल लेने दो
अभी तो बाकी है उनके छुवन का एहसास हाथों में,
अभी उनकी सांसों की गुनगुनाहट में थोड़ा पिघल लेने दो।
मुझे समझाओ, उनकी शोख निगाहों पे ना मचल लेने दो।
बड़ा कमज़ोर है दिल, इसको न फिसल लेने दो
दो लम्हों में मैंने जिंदगी गुज़ार ली है उज्ज्वल
उन्ही यादों की तंग गलियों से फिर गुजर लेने दो।
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