Tuesday, December 17, 2024

Itni si mohabbat

 उसको उतनी ही मोहब्बत मिला करती है

आशिक़ का जितने में गुज़ारा हो जाए


अब मैं नहीं देखूंगा उसको उस नजर से कभी 

क्या फायदा गर उसी से इश्क़ दोबारा हो जाए


बात लिहाज की नहीं है पर पर्दा किया करो 

गोया देखते देखते आज फ़िर थोड़ी ज़्यादा हो जाए


चाँद ढूंढता रहता है तुमको उसे देख लिया करो 

क्या फायदा हो अगर टूट के वो ज़माना हो जाए 


ये किसकी कश्ति है कौन है चलाने वाला 

हाथ थाम लो तो बीच समंदर में किनारा हो जाए


सालों हो गए दीद को अब नहीं मिलूंगा उससे 

क्या पता वो और भी प्यारा हो जाए


उसने जाते जाते पलट कर देखा सिर्फ इसलिए 

की डूबते हुए को तिनके का सहारा हो जाए

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