ऐसा कुछ नहीं है हम छुपायें क्या
कोई पूछे ही नहीं है हम बताएं क्या
शिकवा क्या करें, सवाल करें कैसे
वो वक्त का मारा है उसे सताएं क्या
उसके हल्की सी मुस्कुराहट लिए होठों पर
हक़ तो बनता है पर अब जताएं क्या
ऐसे नही मिलता इश्क जान लगानी पड़ती है,
वो मिल तो जायेंगे पर जान लगाएं क्या
इक नजर लगती है हाल ए दिल समझने के लिए
वो राज़ सारा पढ़ चुके अब बचाएं क्या
उनको मालूम तो है के मैं कहां रहता हूं
इशारे से आ तो जायेंगे पर अब बुलाएं क्या
तुम जिसकी करते हो परस्तिश हम भी उसी के गुलाम है
खुद्दारी गिरवी रख आएं हैं अब बताएं क्या