उसने कहा था नींद नहीं आती तो छत पर आ जाती हूं
बस तबसे हमने सोते सोते कभी सुबह नहीं की
सारी महफिल तिरछी निगाह से उसको देखती रही
बस इसलिए उसने इस तरफ निगाह नहीं की
कुछ तो लगा होगा जो वो जाते जाते रूक गए
वैसे उसने कभी मेरे शेर पर वाह नहीं की
उसने नजरें नीचे की और मुस्कुरा के चल दी
बस तबसे हमने वाह की परवाह नहीं की
मोहब्बत करने की चीज है सो कर ली
किसी को पाने में ज़िंदगी तबाह नहीं की
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